Hello World!!!

Welcome to my space on the web - just a platform to share my thoughts and ideas.

Monday, July 27, 2015

Hichkiyaan

हिचकियाँ 

कहते हैं कि कोई याद करे, तो हिचकियाँ आती हैं
कोई दिल से बुलाये, तो गले के ज़रिये बताती हैं |

माफ़ कीजियेगा, पर ये तो है एक झूठ सफ़ेद
वरना मेरे याद करने पर ही क्यों करेंगी वो ऐसा भेद ?

उनके आने-ना आने का तो राज़ नहीं जानता हूँ
पर अपने मन की भावनाओं को तो पहचानता हूँ ।

उनके प्यार में अंकित आँखें सिर्फ उन्ही के लिए नम हैं,
उनकी मिठास के आगे दुनिया भर की चीनी भी कम है।

जिसने हमेशा मुझे हर पल सिर्फ और सिर्फ बेशुमार प्यार दिया,
जिसके लिए दिल की धड़कनों ने पागल हो जाने का इज़हार किया
उस पर  कैसे ना हो ये दिल हमेशा के लिए निसार ?
कैसे न निभाऊं मैं उस से, ज़िन्दगी भर अपनी तरफ से भी प्यार?

आखिर क्यों ये दिल उनसे दूर होकर भी हर दर्द ख़ुशी से पीता है?
क्यों ये मन हर वक़्त, हर पल सिर्फ और सिर्फ उन ही के लिए जीता है?

तुमसे प्यार सिर्फ कह के नहीं,
हर तरह से कर के भी निभाउंगा 
जो भी तुम्हें ख़ुशी देगी,
हर वो बात, हर चीज़ ख़ुशी से कर जाऊँगा ।

जैसा भी हूँ, हो सके तो रखना विश्वास,
कि मैं ख़ुशी से हूँ हर पल तुम्हारे साथ
तुम्हें प्यार करता था, करता  हूँ,करता रहूँगा,
हमेशा थामे रखूँगा तुम्हारा हाथ।

झूठ कहते हैं लोग, कि किसी को याद करने पर हिचकियाँ ज़रूर ही आ सकेंगी
ग़र ये सच होता ना मेरी जान, तो तुम्हारी हिचकियाँ तो कभी भी ना जा सकेंगी ।  :)